आज से अधीनस्थ कोर्ट में भी अर्जेंट केस की ही सुनवाई, वकीलों को कोट से छूट, मास्क लगा कर सकेंगे बहस

कोरोना वायरस से बचाव के लिए हाईकोर्ट और अधीनस्थ अदालतों की फंक्शनिंग में बदलाव किया गया है। हाईकोर्ट के साथ अब प्रदेश की सभी अधीनस्थ अदालतों में भी अर्जेंट केसों की ही सुनवाई होगी। हाईकोर्ट में अब सुबह 11 बजे से 12 बजे व 12.30 से 1.30 तक ही सुनवाई होगी। वहीं अर्जेंट मामलों की ही सुनवाई करने की व्यवस्था आज से लागू करने के बाद सभी बेंच में सुनवाई किए जाने वाले मामलों की संख्या काफी कम हो गई है।


प्रत्येक बैंच यानी एक जज अधिकतम 25-30 अर्जेंट मामलों की ही सुनवाई करेंगे। न्यायाधीश सन्दीप मेहता व न्यायाधीश कुमारी प्रभा शर्मा की खण्डपीठ  में 10 मामलें, न्यायाधीश अरुण भंसाली की कोर्ट में 31,ले, न्यायाधीश डॉ पी एस भाटी की कोर्ट में 6, न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की कोर्ट में 19, न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की कोर्ट में 9 व न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की कोर्ट में 5 मामले ही सूचीबद्ध हुए है। वकील बहस के दौरान मास्क का उपयोग कर सकेंगे और अधीनस्थ अदालतों में 31 मार्च तक कोट पहनने से भी छूट दी गई है। जोधपुर मुख्यपीठ और जयपुर पीठ में तीन-तीन अफसर नियुक्त किए हैं, जिनके समक्ष वकीलों द्वारा अर्जेंट केस मेंशन किए जाएंगे। 



राजस्थान राज्य न्यायिक अकादमी में 31 मार्च तक सभी संस्थानिक ट्रेनिंग प्रोग्राम भी स्थगित रहेंगे। हाईकोर्ट ने यह कदम एहतियात के रूप में उठाए हैं। इस संबंध में चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांती ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोधपुर के जज, महाधिवक्ता वकीलों के प्रतिनिधि के साथ बैठक ली। बैठक के बाद जोधपुर में सभी मामलों की सुनवाई को टाल दिया गया। एक भी मामले में सुनवाई नहीं हुई।



मिल जाएगी तारीख कोर्ट आने की जरूरत नहीं
जिन मामलों में जल्दी सुनवाई की जरूरत नहीं है, उनमें तारीख दे दी जाएगी, जो केस इंफॉर्मेशन सिस्टम (सीआईएस) में उसी दिन अपडेट कर दी जाएगी। ऐसे में वकीलों व मुवक्किलों को बिना कोर्ट आए तारीख मिल जाएगी। अधीनस्थ अदालतों में केस दायर किए जा सकेंगे। अधीनस्थ अदालतों व हाईकोर्ट में लॉ स्टूडेंट्स व इंटर्न के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। अदालतों में बहुत जरूरी मामलों में ही मध्यस्थता की कार्यवाही की जाएगी। अदालत परिसरों में कैंटीन और दुकानें भी 31 तक बंद रहेंगी, हालांकि पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।



वकीलों व मुवक्किलों की कुर्सियां घटेंगी
हाईकोर्ट के कोर्ट रूम में वकीलों व मुवक्किलों के लिए लगाई कुर्सियों को घटाया जाएगा। कुर्सियों की दूरी भी बढ़ाई जाएगी। महाधिवक्ता से आग्रह किया गया है कि प्रत्येक कोर्ट के लिए एक अतिरिक्त महाधिवक्ता या सरकारी अधिवक्ता नियुक्त किए जाए। हाईकोर्ट स्टाफ को बायोमेट्रिक एक्सेज कंट्रोल सिस्टम का उपयोग करने से भी छूट दी गई है। हर कोर्ट रूम के बाहर सेनेटाइजर लगाए गए हैं। वकीलों ने मंगलवार से इनका उपयोग शुरू कर दिया है।



जमानत व अर्जेंट मामलों की ही सुनवाई
अधीनस्थ अदालतों में भी अर्जेंट मामलों की सुनवाई की जाएगी। यह व्यवस्था 31 मार्च तक रहेगी। अधीनस्थ अदालतों में केवल जमानत प्रार्थना पत्र, स्पेशल एक्ट के अधीन अपील्स, रिमांड मेटर, इंजेक्शन या स्थगन प्रार्थना पत्र, सुपुर्दगी प्रार्थना पत्र की सुनवाई और सीआरपीसी की धारा 164 के बयान हो सकेंगे। इसके अलावा संबंधित कोर्ट के पीठासीन अधिकारी अर्जेंट मेटर निर्धारित कर सकेंगे।



प्रवेश द्वार पर तैनात होगी पुलिस
चीफ जस्टिस ने पुलिस महानिदेशक से कहा है कि वे अदालत परिसर पर पर्याप्त पुलिस तैनात करें। जिला जज व संबंधित पीठासीन अधिकारी से सलाह कर विजिटर्स को प्रवेश दें। कोर्ट के प्रवेश द्वार पर तापमान की जांच के लिए थर्मल गन भी मुहैया कराएं। एक ज्यूडिशियल ऑफिसर, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और एक सीनियर कोर्ट स्टाफ की कमेटी बनाई जाए, जो इन सभी निर्देशों की पालना सुनिश्चित करवाने के लिए कदम उठाएगी।


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